राम जी बुला रहे हैं, जब आधी रात में जागने लगे थे मूर्ति बनाने वाले अरुण योगीराज

 

राम जी बुला रहे हैं, जब आधी रात में जागने लगे थे मूर्ति बनाने वाले अरुण योगीराज


रामलला के सुगम दर्शन व श्रद्धालुओं की व्यवस्था के लिए CM योगी के निर्देश के बाद एक समिति गठित की गई है जिसकी देखरेख में राम जन्मभूमि परिसर में समस्त व्यवस्थाओं का प्रबंधन किया जा रहा है।



अयोध्या मंदिर में रामलला सदियों के बाद विराजमान हो चुके हैं। मूर्ति को तैयार करने का श्रेय कर्नाटक के शिल्पकार अरुण योगीराज को मिला है। मामले के जानकार बताते हैं कि योगीराज कई बार आधी रात को जाग जाते थे और काम करना शुरू कर देते थे। खास बात है कि तीन मूर्तियों को तैयार किया गया था। खबरे हैं कि दो और मूर्तियों को मंदिर के दो तलों पर विराजमान कराया जाएगा।



मूर्ति निर्माण के समय संस्कृत और संगीत के जानकार आप अगला समुधुर शास्त्री योगीराज के साथ थे। इंडिया टुडे से बातची लेख V दौरान उन्होंने बताया है कि शुरुआती तौर पर मूर्ति के लिए सत्यनारायम पांडे को चुना गया था। बाद में जेजे भट्ट का नाम आया, लेकिन अंत में योगीराज के नाम पर मुहर लगी थी।



रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने जानकारी दी है कि योगीराज ने कुछ देरी से काम शुरू किया था। साथ ही वह बताते हैं कि दोनों के बीच बातचीत में भी काफी मुश्किल थी और अंत में तय हुआ की टूटी-फूटी अंग्रेजी में बात करेंगे। उन्होंने कहा, 'पूरी प्रक्रि अगला में 7 से 8 महीनों का समय लगा है। प्रक्रिया के दौरान लेख शिल्पकार के काम करने की आजादी का भी ध्यान रखा गया था।'


कैसे हुई मूर्ति के लिए रिसर्च


चैनल से बातचीत में उन्होंने बताया, 'रामलला के उत्तर भारत के रूप को समझने के लिए हम स्वामी नारायण छपिया मंदिर पहुंचे और नैमिषारण्य मंदिरों में जानकारी जुटाई। हमने संतों के साथ मूर्ति के रूप को लेकर बात की दिव्य रूप को समझने के लिए ग्रंथों और रामायण के छंदों में उतरे। राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा समय-समय पर निरीक्षण करते रहे।'


रिपोर्ट में आजतक के हवाले से बताया गया कि शास्त्री बताते हैं, 'ट्रस्ट के निर्देश साफ थे कि रामलला की मूर्ति को बच्चे के रूप में तैयार करना है, जिसकी ऊंचाई 51 इंच होगी। यहां बालों और विशेषताओं पर खास ध्यान दिया जाना है।' वह बताते हैं कि अरुण योगीराज बीते सात महीनों में बार-बार रात में जगाते थे और रामलला के बुलावे पर साथ चलने की अपील करते थे।


अयोध्या में श्रद्धालुओं की सहूलियत के लिए मुख्यमंत्री ने गठित की उच्च स्तरीय समिति


पीटीआई भाषा के अनुसार, अयोध्या में रामलला के सुगम दर्शन व श्रद्धालुओं की व्यवस्था के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश के बाद एक समिति गठित की गयी जिसकी देखरेख में राम जन्मभूमि परिसर में समस्त व्यवस्थाओं का प्रबंधन किया जा रहा है


इस समिति के अध्यक्ष उत्तर प्रदेश सरकार के परिवहन मंत्रा दयाशंकर सिंह हैं और इसमें मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) व मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव के साथ नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव शामिल हैं। एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, राम जन्मभूमि में प्रभु श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के उपरांत अयोध्या में बड़ी संख्या में श्रद्धालु आ रहे हैं।



अयोध्या में राम की मूर्ति किसने बनाई?


प्रसिद्ध मूर्तिकार अरुण योगीराज , जिनका जन्म कर्नाटक के एचडी कोटे तालुक के बुज्जेगौदानपुरा गांव में हुआ था, ने अयोध्या राम मंदिर प्रतिष्ठा समारोह के लिए राम लला की मूर्ति बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। 200 किलोग्राम की मूर्ति में भगवान राम को पांच साल के बच्चे के रूप में खड़ा और धीरे से मुस्कुराते हुए दिखाया गया है।


अयोध्या केस किसने जीता?

सुप्रीम कोर्ट का फैसला

9 नवंबर 2019 को शीर्ष अदालत ने अपना फैसला सुनाया। इसने देवता, श्री राम विराजमान को उपाधि प्रदान की और राज्य को मस्जिद के निर्माण के लिए अयोध्या में "प्रमुख" स्थान पर सुन्नी वक्फ बोर्ड को पांच एकड़ जमीन देने का निर्देश दिया।


अयोध्या में राम की मूर्ति काली क्यों है?

इस विशेष मूर्ति की उत्पत्ति कर्नाटक के मैसूर में हेगदादेवन कोटे क्षेत्र में हुई, जहां मूर्तिकार ने एक स्थानीय खेत से एक काला पत्थर चुना था। एनडीटीवी ने विशेष रूप से सावधानीपूर्वक तैयार की गई मूर्ति की तस्वीरें प्राप्त की हैं, जो इसके निर्माण में लगी कलात्मकता पर प्रकाश डालती हैं।






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